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मकबूल दयावान ने बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास प्रारंभ किया।
मकबूल दयावान ने बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास प्रारंभ किया भोपाल में सैकडों की तादात में छोटे छोटे कम उम्र के नाबालिक मासूम बच्चे सिलोचन के नशे की दल दल में धीरे धीरे धसते जा रहे है चौराहों बस स्टेंड व रेलवे स्टेशनों पर मासूम बच्चे सुलोचन व कही तरहां के नशीले पदार्थ सूंघते हुए कहीं ना कहीं नजर दिखाई देते हैं सुलोचन के नशे की लत के आदि होने के कारण बच्चे मजबूरन कूड़े कचरो में कबाड़ा बिन कर छोटी मोटी चोरी कर सुलोचन खरीदने के लिए कर नशा का सेवन कर अपना भविष्य अंधकार में धकेल रहे हैं आखिर कौन है जो इन मासूम बच्चों का जालिम दुश्मन जो इतनी कम उम्र में बच्चों को सुलोचन के नशे आदि बना रहे हैं क्या इन बच्चों के कोई माता-पिता है कि नहीं है क्या यह बच्चे भिखारी गिरोह के द्वारा चुराए हुए बच्चे तो नहीं है फिर कौन है इन बच्चों का वारिस अगर जल्द से जल्द शासन प्रशासन ने बच्चों को नशे से दूर नहीं किया गया तो इन बच्चों का आने वाला भविष्य और दूसरों बच्चों का भविष्य अंधकाल मैं पूरा समा जाएगा अफसोस की शासन पुलिस प्रशासन ऐसे कम उम्र के बच्चों को सुधारने के लिए जीवन की मुख्य धारा से जुड़ने से शासकीय विभाग एवं पुलिस विभाग ने अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं ले रखी है पुलिस को चाहिए कि यदि कोई बच्चा सुलोचन वह कोई नशीला पदार्थ यादी सुनते हुए नजर दिखाई दे उन बच्चों को तुरंत पुलिस पकड़ कर शक्ति से पूछे कौन देता है तुम्हें नसे का पदार्थ किसी दुकानदार मेडिकल स्टोर वाले ने दिया है या और कोई नशे का व्यापार करने वाले ने तुम्हें दिया है उन तक पुलिस पहुंच कर सख्त से सख्त कठोर से कठोर कार्यवाही पर जेल पहुंचा दिया जाए तभी बच्चों को नशा देने वालों पर रोक लगा सकती है शासन जल्द से जल्द इन बच्चों के भविष्य के बारे में बच्चों के लिए सेंडर होम खुलवाया जाए ताकि बच्चों को वहां रखकर नशे की लत को छुड़वाया जाए और बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाया जा सके।
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